फरीदाबाद वकील गोलीकांडः ओपी शर्मा की माफी के साथ खत्म हुआ विवाद

फरीदाबाद। यहां की अदालत में हुए गोलीकांड के लिए एक महापंचायत हुई, जिसमें वकील ओपी शर्मा के सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के साथ विवाद समाप्त हो गया है।

Faridabad lawyer firing: dispute ends with OP Sharma’s apology

Faridabad. There was a mahapanchayat for the firing in the court here, which ended the dispute with lawyer OP Sharma publicly apologizing. A mahapanchayat was organized in connection with the firing at Faridabad Bar Association at the farm house of former minister Chaudhary Mahendra Pratap Singh. In the panchayat, besides Chaudhary Mahendra Pratap Singh, former state minister Chaudhary Karan Singh Dalal, former Bharatiya Prithla MLA Tekchand Sharma, Janata Party District President Gopal Sharma, Haryana Transport Minister Pandit Moolchand Sharma’s elder brother Pandit Tipper Chand Sharma, Congress Several prominent leaders and social leaders of the district were present including State Secretary Sumit Gaur, Rohtash Pahalwan, Advocate Rakesh Bhadana, OP Sharma Advocate, Advocate Casey Tewatia.

पूर्व मंत्री चौधरी महेंद्र प्रताप सिंह के फार्म हाउस पर फरीदाबाद बार एसोसिएशन में हुए गोलीकांड को लेकर महापंचायत का आयोजन हुआ।

पंचायत में चौधरी महेंद्र प्रताप सिंह के अतिरिक्त प्रदेश के पूर्व मंत्री चौधरी करण सिंह दलाल, भारतीय पृथला के पूर्व विधायक टेकचंद शर्मा, जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष गोपाल शर्मा, हरियाणा के परिवहन मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा के बड़े भाई पंडित टिपर चंद शर्मा, कांग्रेस के प्रदेश सचिव सुमित गौड़, रोहताश पहलवान, वकील राकेश भड़ाना, ओपी शर्मा एडवोकेट, एडवोकेट केसी तेवतिया सहित जिले के कई प्रमुख नेता और सामाजिक सरदारी मौजूद रही।

महापंचायत ने सर्वसम्मति से चौधरी महेंद्र प्रताप सिंह के प्रस्ताव के बाद पुलिस सुधार आयोग के पूर्व चेयरमैन एचएस राणा को महापंचायत का अध्यक्ष चुना।

ज्ञातव्य हो कि इस गोलीकांड में फरीदाबाद नगर निगम के वर्तमान पार्षद राकेश भड़ाना घायल हुए थे।

इस मामले में न्यायालय ने फरीदाबाद के प्रमुख अधिवक्ता ओपी शर्मा उनके पुत्र सहित चार लोगों को सजा सुनाई थी।

पंचायत रविवार की सुबह 11 बजे शुरू हुई थी, जो शाम 5 बजे तक चली।

छह घंटे की इस मैराथन पंचायत में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले।

यह गोलीकांड काफी सुर्खियों में रहा और इसके कारण शहर और इलाके का सामाजिक तानाबाना में तनातनी स्पष्ट देखने को मिल रही थी।

शुरूआती तीन घंटों तक फार्म हाउस के बाहर पूरी सरदारी के सामने पंचों और पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी।

उसके बाद में पंचायत के 11 पंचों ने बंद कमरे में वार्ता की और मामले को सिरे चढ़ाने का प्रयास किया।

मुख्य रूप से वरिष्ठ कांग्रेसी नेता विजय प्रताप सिंह ने कहा कि मामले के प्रभावित जनों का मन भरा जाना आवश्यक है।

ओपी शर्मा ने माफी मांगते हुए कहा कि उन्हें पंचायत का निर्णय सिरोधार्य होगा।

पंचायत के आदेशानुसार ओपी शर्मा एडवोकेट माफी मांगते हुए

राकेश भड़ाना के समर्थकों का कहना था कि उन्हें अपने पक्ष के अन्य प्रभावितों से मशविरा करने का समय मिलना चाहिए।

पूर्व मंत्री चौधरी महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि इलाके की भलाई के लिए यह आवश्यक है कि इस विवाद को निपटाया जाना चाहिए। एक ऐसी नजीर बननी चाहिए कि आगे आने वाली पीढ़ियां उसे याद रखें और यह मानें कि समाज और सामाजिकता से बढ़कर कुछ नहीं होता है।

अंततः पंचों ने चौधरी महेंद्र प्रताप सिंह पंचायत का निर्णय सुनाने के लिए कहा, किंतु उन्होंने करण सिंह दलाल को इसके लिए अधिकृत किया।

पूर्व मंत्री दलाल ने दोनों पक्षों से पंचायत के निर्णय को मानने की पूर्ण सहमति लेने के बाद कहा कि पंचायत में तय हुए प्रावधान के अनुसार सबसे पहले ओपी शर्मा एडवोकेट माफी मांगें।

ओपी शर्मा ने दोनों हाथ जोड़कर कहा कि वे अपनी गलती के लिए माफी मांगते हैं।

करण दलाल ने कहा कि अब पंचायतों द्वारा तय बिंदु के अनुसार मंगलवार को सुबह 11 बजे बार एसोसिएशन के कार्यालय में 11 सदस्यीय समिति पहुंचेगी, जहां इस विवाद के विषय में कोई भी पक्ष अपनी बात नहीं रखेगा। बार में सिर्फ दोनों पक्ष की गले मिलनी होगी।

राकेश भड़ाना ने कहा कि उन्हें पंचायत द्वारा अपने अन्य प्रभावितों से बात करने का समय मिलना चाहिए था, लेकिन बाबू जी (चौ. महेंद्र प्रताप सिंह) ने जो निर्णय कर दिया, उस पर वे और उनके अन्य मित्र फूल चढ़ाएंगे।

 

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